जानिए- किस कांग्रेसी विधायक की पहल पर शुरू हुआ अयोध्या आंदोलन।
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Shri Daudayal Khanna |
यह बात सामान्यत सभी जानते हैं की श्रीराम जन्मस्थान पर लगा ताला प्रधानमंत्री राजीव गांधी के समय खुला और जब बाबरी ढांचा गिरा तब भी केंद्र में कांग्रेश की ही सरकार थी, प्रधानमंत्री थे नरसिंह राव। लेकिन एक महत्वपूर्ण बात की इस आंदोलन को शुरु करने की सलाह, पहली बार एक कांग्रेसी विधायक ने दी थी, इस समय शायद ही किसी को याद हो।
जी हां, यह बात पूरी तरह सच और ऐतिहासिक तथ्य है कि श्रीराम जन्मस्थान को मुक्त कराने के लिए आंदोलन करने का विचार पहली बार किसी विश्व हिंदू परिषद या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ या अन्य किसी हिंदूवादी संगठन के मन में नहीं आया था बल्कि यह विचार एक कांग्रेश विधायक ने पहली बार एक हिंदू सम्मेलन में आम जनता के बीच स्थापित किया था, जिनका नाम था दाऊ दयाल खन्ना।
बात 1983 की है उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर शहर में हिंदू सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इस सम्मेलन में दो बार देश के अंतरिम प्रधानमंत्री रहे गुलजारी लाल नंदा मौजूद थे।उनके साथ उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री तथा कांग्रेस के प्रतिष्ठित नेता दाऊ दयाल खन्ना जो मुरादाबाद से 5 बार विधायक रहे थे, वे भी मौजूद थे। इसी सम्मेलन में पहली बार इन दोनों नेताओं ने मिलकर अयोध्या में राम जन्म स्थान, मथुरा में श्री कृष्ण जन्मस्थान तथा वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर पर बनी मस्जिदों का पहली बार जिक्र किया था और इसी सम्मेलन में इन दोनों ने उक्त तीनों स्थानों को मुस्लिम आक्रांताओं की बर्बरता का प्रतीक बताते हुए इनकी मुक्ति के लिए हिंदू जनमानस से अपील की थी। इसी हिंदू सम्मेलन में श्री खन्ना के द्वारा की गई अपील का ऐसा प्रभाव हुआ कि इन तीनों स्थानों को मुक्त कराने के लिए इस सम्मेलन में पहली बार प्रस्ताव पारित किया गया।
इसके बाद श्री राम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति की स्थापना हुई। जिसके अध्यक्ष गोरखपुर पीठ के महंत वैद्यनाथ बनाए गए और दाऊ दयाल खन्ना को इसका महामंत्री नियुक्त किया गया। यह बात और है कि उस समय कांग्रेस के नेता हिंदू जनमानस की भावनाओं को नहीं समझ सके और दाऊ दयाल खन्ना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद के संपर्क में आए, उनके बीच पहले चरण में अयोध्या में श्रीराम जन्मस्थान को मुक्त कराने के लिए आंदोलन शुरू करने की सहमति बन गई। और ऐसा आंदोलन शुरू हुआ जिसने देश की राजनीति, समाजनीति सब बदल कर रख दी। जिसका सबसे खराब परिणाम कांग्रेस को भुगतना पड़ा। भारतीय जनता पार्टी लगातार मजबूत होती गई और भारत की जनता ने कांग्रेस को राजनीति के हाशिए पर धकेल दिया।
Comments
धन्यवाद विश्वेन्द्रजी।आपने पुराना
इतिहास याद दिला दिया। इसके बाद १४अक्तूबर १९८४ को बेगम
हज़रत महल पार्क लखनऊ में विशाल हिन्दू सम्मेलन हुआ। शोभायात्रा निशातगंज चौराहे से
पार्क पहुंची।स्वागताध्यक्ष श्री
श्रीशचंद्र दीक्षित थे।प्रस्तावना भाषण श्री दाऊदयाल खन्ना ने
दिया था। वहां एक प्रस्ताव पारित
हुआ,जिसे स्व०अशोक सिंहल,जो
उस समय विश्व हिन्दू परिषद् के
संयुक्त महामंत्री थे ने पढ़ा था।
अनुमोदन परमहंस रामचंद्र दास जी ने किया था।स्वीकार जगद् गुरु शंकराचार्य रामानंदाचार्य जी
ने किया।उन्ही का अध्यक्षयीय
भाषण था।
मैं विश्व हिन्दू परिषद ताजगंज के
मंत्री के रूप में इस सम्मेलन में
शामिल हुआ था और मंच से मैंने
अपनी कविता:-
"आज पिंजरे में बंद पड़े राम
अयोध्या सूनी पड़ी।
हम तो सुविधा के बने हैं गुलाम
अयोध्या सूनी पड़ी।।"
बाद में मेरी यह कविता पूरे देश में
घूमी।
श्री दाऊदयाल जी खन्ना का एक
पत्र,इस सम्मेलन में पढ़ा गया प्रतिज्ञा पत्र पारित प्रस्ताव मेरे
पास सुरक्षित हैं। आवश्यकता हो
तो मुझसे ले लै। धन्यवाद।
हरिमोहन कोठिया
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