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पाकिस्तान में हिंदुओं को समझते हैं अछूत, उनके लिए घर में होती है अलग प्लेट

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तारिक फतेह नई दिल्ली:  पाकिस्तानी कैनेडियन तारिक फतेह ने पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब अख्तर के ट्वीट का समर्थन करते हुए कहा कि इसमें कोई शक नहीं पाकिस्तान में हिंदुओं की बहुत बुरी हालत है. पाकिस्तान में हिंदुओं को अछूत समझा जाता है. अगर पाकिस्तान से भागकर हिंदू भारत नहीं आएगा तो कहां जाएगा और अगर भारत सरकार उन्हें नागरिकता देती है तो कौन सा गलत कर रही है. भारत के मुसलमानों ने डिक्टेटरशिप अभी देखी नहीं है. उन्होंने कहा कि जामिया मिलिया इस्लामिया जैसी संस्था को बंद कर देना चाहिए. तभी सही मायने में सेकुलरिज्म होगा. उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब अख्तर ने हाल ही में एक ट्वीट किया था. ट्वीट में उन्होंने पाकिस्तान के तेज गेंदबाज दानिश कनेरिया का जिक्र किया. जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि दानिश कनेरिया के हिंदू होने की वजह से उसके साथ गलत व्यवहार होता था. कई पाकिस्तानी मुस्लिम क्रिकेटर उसके साथ बैठकर खाना खाना भी पसंद नहीं करते थे और ऐसे में अगर कोई पाकिस्तान में रह रहा हिंदू भारत आता है तो इसमें कुछ गलत नहीं  हिन्दुओं के लिए अलग प्लेट इसी विषय पर बात करते ...

युगांडा से भगाए गए हिंदुओं का दर्द और तत्कालीन कांग्रेस सरकार की उपेक्षा

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श्री सनातन धर्म मंडल मंदिर (Kamla, Uganda)  नागरिकता संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान जब लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने  युगांडा से आए हिंदुओं का उल्लेख किया तो वहाँ से 1972 में जबरदस्ती निर्वासित किए गए 65000 हिंदूओं का दर्द ताजा हो गया। भारत में सामान्यत: इन हिंदुओं के बारे में जानकारी का अभाव है। नई पीढ़ी को तो छोड़ ही दीजिए, पुराने लोग भी उनके बारे में ना के बराबर ही जानते हैं। मेरे प्रिय मित्र डॉ. शिववृत मोहन्ती उर्फ तपु जो वनवासी बंधुओं के बीच सेवा कार्य करते हैं उन्होंने उन हिंदुओं के दर्द को समझ कर उसे सामने लाने का प्रयास करते हुए लेख लिखा। आंशिक संपादन के बाद वह लेख आपके लिए प्रस्तुत है- युगांडा 85 प्रतिशत ईसाई तो 14 प्रतिशत मुस्लिम जनसंख्या वाला देश है। पूर्व में यह देश भी ब्रिटेन का गुलाम था।इसी के कारण यहां से बहुत सारे भारतवासी युगांडा गयें थे जिसमें आधे गुजरात से तो आधे सम्पूर्ण भारत से थे। भारतवासियों ने वहाँ जाकर अपने पुरूषार्थ का पसीना बहाया जिसके फलस्वरूप वे वहाँ जाकर समृद्ध बन गये। उद्योग -धंधे से लेकर राजनीति तक में भारतीयों का सिक्का चल पड़ा। ...