मौलाना को सजा का संदेश

पाकिस्तान में आतंकवाद निरोधी एक अदालत ने एक मस्जिद के धर्मगुरू अब्दुल गनी को दस वर्ष कारावास और साढ़े सात लाख रुपयों की सजा सुनाई है। इस धर्मगुरू पर अवाम के बीच दूसरे धर्म के अनुनाइयों के प्रति नफरत फेलाने का गंभीर आराप था। खबर यह भी आई है कि ऐसे ही कुछ अन्य मामलों में कुछ और लोगों के विरुद्ध भी दंडात्मक कार्यवाही की गई है। जाहिर है पाकिस्तान में यह नई शुरूआत है जिसकी हर स्तर पर प्रशंसा करनी चाहिए। अभी तक पाकिस्तान पर इस बात के आरोप लगते रहे हैं कि वहां इस्लाम के अलावा दूसरे धर्म के अनुनाइयों के विरुद्ध माहौल रहता है, जिसके कारण उनके मानवाधिकारों का हनन हर कदम पर देखने को मिलता है। इस माहौल को बनाने में वहां के मुस्लिम धर्मगुरुओं को विशेष रूप से जिम्मेदार माना जाता है। यह समस्या तब और गंभीर हो जाती है जब आम जनता पर इन धर्मगुरुओं के गहरे प्रभाव के चलते वहां की सरकार उन पर लगाम लगाने में अपने को लाचार पाती है। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों पर लगातार होने वा आलोचनाओं के बावजूद पाकिस्तान सरकार ऐसे मामलों में कोई ठोस कदम नहीं उठा पाती। इस लिहाज से वहां की अदालत द्वारा मौलाना को दी गई य...