अच्छी सेहत चाहें तो मिनी मील खाएं


आज की व्यस्त दिनचर्या में कई बार लोग खाने का समय भी नहीं निकाल पाते। इसलिए दो से तीन बार भरपेट खाना खाने का रिवाज सा बन गया है। विशेषज्ञ कहते हैं कि खाने का यह तरीका सेहत के लिए ठीक नहीं होता। अच्छी सेहत के लिए तीन बार के भोजन को 5 से 6 बार में खाएं।  इसे मिनी मिल्स कहा जाता है इसके बारे में बता रही हैं शमीम खान-

#eatinghabits अक्सर सेलिब्रिटीज को कहते सुना जा सकता है कि उनकी फिटनेस का राज दिन में तीन बार मेगा मिल खाने के बजाय पांच छह बार मिनी मिल्स खाना है। अधिकतर डॉक्टरों का भी मानना है कि मिनी मिल्स स्वास्थ्य के लिए बेहतर है लेकिन कई लोग जब मिनी मील्स लेते हैं तो उनका वजन बढ़ने लगता है या पाचन तंत्र संबंधी समस्याएं होने लगती हैं। दरअसल मिनी मिल्स में कैलरी का डिस्ट्रीब्यूशन (अलग-अलग समय के लिए कैलरी का बंटवारा) और भोजन का चयन सबसे महत्वपूर्ण है। तो जानिए क्या है मिनी मिल्स की अवधारणा और इसके फायदे।

मिनी मिल्स
अधिकतर लोगों के लिए भोजन का मतलब उस खाने से होता है जिससे पेट भर जाए, लेकिन भोजन केवल पेट भरने के लिए ही नहीं होता बल्कि वह शरीर और मस्तिष्क को ऊर्जा भी देता है और हमें स्वस्थ रखता है। हमारा स्वास्थ्य इस पर निर्भर करता है कि हमारे भोजन में से हमें कितना पोषण मिल पाता है। दिन में तीन बार मेगा मील खाने से तीनों मील्स के बीच अंतराल ज्यादा हो जाता है जिससे शरीर और मस्तिष्क में ऊर्जा के स्तर में उतार-चढ़ाव अधिक होता है। लेकिन मिनी मिल्स में जब छोटे-छोटे अंतराल पर शरीर को पोषण मिलता रहता है तो शरीर और मस्तिष्क को ऊर्जा की आपूर्ति स्थिर रहती है। शरीर और मस्तिष्क को पोषण और ऊर्जा का प्रवाह प्रभावित होने से, स्वास्थ्य प्रभावित होता है।

क्यों बेहतर है है मिनी मिल्स
आज की दुनिया में कुपोषण के शिकार केवल गरीब तबके के लोग ही नहीं हैं। बल्कि ऐसे लोग भी हैं जो अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स के फास्ट फूड खाते हैं। इनसे पेट तो भर जाता है, लेकिन शरीर और मस्तिष्क को उचित पोषण नहीं मिल पाता। हम क्या खाते हैं यह जितना महत्वपूर्ण है उतना ही महत्वपूर्ण है कि हम खाना कितनी मात्रा में और कब खाते हैं। मिनी मील्स में दो मील्स के बीच कम अंतराल होने और उचित खाद्य पदार्थों का चयन करने से कई फायदे होते हैं इससे व्यक्ति एक बार में ही ज्यादा नहीं खाता।

नियमित रूप से ऊर्जा की आपूर्ति
जब आप थोड़े-थोड़े अंतराल पर खाते हैं तो शरीर को ऊर्जा की आपूर्ति लगातार होती रहती है। मिनी मील्स पाचन तंत्र के लिए भी आसान रहते हैं क्योंकि शरीर को अधिक भोजन पचाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में ज्यादा समस्या होती है, जब उसमें वसा की मात्रा अधिक हो या शरीर भोजन को ठीक तरह से पचाएगा तभी आप उससे अधिक ऊर्जा और पोषण प्राप्त कर पाएंगे।

अधिक कैलोरी वाले भोजन से बचाव
जब आप 1 दिन में छह मिनी मील खाते हैं तो आप थोड़ी-थोड़ी मात्रा में खाते रहते हैं, इससे शरीर पूरी तरह भूखा रहने की स्थिति में नहीं आता और आप तेज भूख होने पर अधिक कैलरी युक्त भोजन के सेवन से बच जाते हैं। आप अलग-अलग समय के लिए अलग-अलग खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं जिससे पोषक तत्वों का इंटेक बढ़ जाता है।
मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है

भोजन के पाचन में भी एनर्जी बर्न होती है । जब हम नियमित अंतराल पर थोड़ी-थोड़ी मात्रा में खाते हैं तो न केवल अधिक मात्रा में कैलोरी बर्न होती है बल्कि मेटाबॉलिक भी बूस्ट होता है।

अधिक पोषण प्राप्त करने के लिए
खाने में जितनी वैरायटी होगी उतना ही अधिक पोषण प्राप्त कर पाएंगे । जब आप मिनी मील्स लेने का निर्णय लेते हैं तो दो बातों का ध्यान रखना जरूरी है एक तो आपको कैलरी का इंटेक नहीं बढ़ाना है और दूसरा कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा में संतुलन रखना है।

(अकैडमी आफ फैमिली फिजिशियंस आफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ रमन कुमार से की गई बातचीत पर आधारित)

साभार- हिन्दुस्तान, 3 नवंबर 2019, आगरा live page-4

Comments

Tanu Gupta said…
बहुत काम की जानकारी
Hit_waani said…
नमस्कार जी,
आपका लेख अच्छा लगा। भारतीय यौगिक परम्परा के अनुसार, दिन में दो बार भोजन करना शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के लिए उत्तम है। प्रातः 10-11 बजे के बीच और सायं में 6-7 बजे के बीच ( रात्रि होने से पूर्व)।
इन दोनों पूर्ण आहारों के मध्य अपरा0 2 से 3 बजे के मध्य हल्का पेय या स्वल्पाहार ले सकते हैं।
भोज्य पदार्थ low Glycemic Index ( धीमी मात्रा में ऊर्जा देने वाले) होने चाहिये; फल, अंकुरित अन्न, गुड़, छाछ आदि भी भोजन में ऋतु अनुसार पर्याप्त मात्रा में होने चाहिए।
Unknown said…
Very useful content. Love to read in future such health related information. Dhanyawad mitron
Unknown said…
सादर प्रणाम भाईसाहब
आजकल के आधुनिक दौर में हर व्यक्ति भागम भाग में लगा है उसको यह ज्ञान नहीं है कि इस शरीर को संतुलित एवं पौष्टिक आहार की आवश्यकता है!
यह जानकारी आपने शेयर की है निश्चित ही बहुत लाभप्रद है आपका हृदय से आभार धन्यवाद
ठाकुर राजीव कुमार सिंह राजू भैया

जिला उपाध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी बदायूँ
धन्यवाद तनु
🙏🙏🙏🙏🙏😀😀

Popular posts from this blog

हे प्रभो, इस दास की इतनी विनय सुन लिजिये...

जानिए- अठारह पुराणों के नाम और उनका संक्षिप्त परिचय

आगरा में बांग्लादेशी हिंदुओं पर हमले के विरोध में विशाल प्रदर्शन