महाराष्ट्र घटनाक्रम : मतदाताओं के लिए बड़ा सबक

महाराष्ट्र के राजनीतिक वायुमंडल में चल रही उठापटक ने देश के संवेदनशील लोगों को परेशान किया है। भारतीय जनता पार्टी से जुड़े कार्यकर्ता और पार्टी के शुभचिंतक भी काफी परेशान और भ्रम की स्थिति में हैं। कई राजनीतिक विश्लेषकों से मेरी बात हुई तो उनकी टिप्पणी थी कि भाजपा अपने ही बुने जाल में उलझ गई और छीछालेदर करा बैठी है। लेकिन एक बड़ा वर्ग भी है जो ऐसा नहीं मानता। उस वर्ग की भावना को व्यक्त करता हुआ प्रस्तुत है सामाजिक कार्यकर्ता प्रमोद चौहान का यह संपादित आलेख - महाराष्ट्र के घटनाक्रम को लेकर मेरी अनेक संघ/भाजपा समर्थकों से वार्ता हुई। मैंने अधिकतर को एक अजीब हारे हुए भाव से ग्रसित पाया।ऐसा लग रहा था जैसे भारतीय जनता पार्टी ने कोई महापाप कर दिया है जिसकी शर्मिंदगी का बोझ अपने सर पर उठा कर घूम रहे हैं। एक राजनीतिक दल जो विचारधारा पर आधारित है उसके लिए दो बातें ही महत्वपूर्ण होती हैं। अपनी विचारधारा का रक्षण करना और उसे क्रियान्वयन की स्थिति में लाना तथा अपने समर्थक मतदाताओं के हितों की चिंता करना जिससे वह राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वहन कर सके। महाराष्ट्र के जब चुनाव परिण...