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Showing posts from 2020

कब तक आएगी कोरोनावायरस की वैक्सीन? किन्हें मिलेगी पहले? डॉ. हर्षवर्धन का बड़ा बयान

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Add caption  नई दिल्ली: स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कोरोना वैक्सीन को लेकर आज बड़ा बयान दिया. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि अगले साल की पहली तिमाही तक कोरोना की वैक्सीन बनकर तैयार हो जाएगी. स्वास्थ्य मंत्री यह बात एक ऑनलाइन चर्चा के दौरान कही. इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अगर लोगों में वैक्सीन बनने के बाद उसे लेकर किसी भी तरह का संदेह होगा तो मैं खुद सबसे पहले वैक्सीन लगवाऊंगा. उन्होंने कहा कि टीका उपलब्ध होने पर सबसे पहले स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, वरिष्ठ नागरिकों और फ्रंटलाइन पर काम कर रहे कोरोना वॉरियर्स को दिया जाएगा. देश में लगातार 11वें दिन हजार से ज्यादा मौत देश में पिछले 24 घंटों में 94,372 नए मामले सामने आए हैं. इससे पहले 11 सितंबर को रिकॉर्ड 97,570 संक्रमण के मामले दर्ज हुए थे. वहीं 24 घंटे में 1114 लोगों की जान चली गई है. देश में दो सितंबर से लगातार हर दिन एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है. अच्छी खबर ये है कि 24 घंटे में 78,399 मरीज ठीक भी हुए हैं. अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें -।   https://www.abplive.com/news/india/health-minister-harsh-v...

"ब्राह्मण" "एक मुद्दा" या "एक साजिश" !

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दैनिक भास्कर से साभार   प्रस्तुत है - डॉ शैलेश सिंह का एक विचारोत्तेजक लेख -  भारतीय राजनीति में   जिन दो शब्दों का   सदुपयोग या     दुरुपयोग   किया गया     है वे हैं मनुवाद और     ब्राह्मणवाद। इन दो शब्दों का प्रयोग करके हिंदू समाज में न सिर्फ विभाजन पैदा किया गया बल्कि उनके वोट में भी बिखराव किया गया। उत्तर  भारत मे खास तौर   पर उत्तर प्रदेश में   अचानक ही राजनैतिक   मुख्य मुद्दा बन गया है। आज ब्राह्मणों के महत्व और उनकी भूमिका पर खूब राजनैतिक प्रबुद्धों द्वारा चिंतन व बहस जगह-जगह हो रही है। अचानक ही इनसे दूर व सतर्क रहने व कहने वाले इनसे गठजोड़ की होड़ में है। कल तक जिन्हें "मनुवादी" कहकर हांसिये पर धकेला जा रहा था, आज उनमें, खासतौर से बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस, सपा और अन्य राजनीतिक दलों को भगवान परशुराम की मूर्ति के बहाने इनमें "कस्तूरी" नज़र आने लगी है। इन दलों में हमेशा हंसिये पर रहने वाले व अपमान का घोल पीते रहे ब्राह्मण नेता जिनको लगता है कि उनका इन दलों ...

स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण कि वह 14 प्रमुख बातें जो आपको जाननी चाहिए

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 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस के इस मौके पर लगातार 7वीं बार देश को संबोधित किया. पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करते हुए की. पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करते हुए की. उन्होंने कोरोना वॉरियर्स को नमन करते हुए कहा कि इस कोरोना के काल में कई परिवार प्रभावित हुए हैं. अपने भाषण में उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम से लेकर, कोरोना संकट और आत्मनिर्भर भारत तक का आह्वान किया. इससे पहले उन्होंने राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धाजंलि अर्पित की, अपने सरकारी आवास से निकलने के बाद वह सीधे राजघाट पहुंचे और बापू की समाधि पर श्रद्धासुमन अर्पित किए. बता दें कि Covid-19 महामारी के साये में लाल किले पर आयोजित होने वाले स्वतंत्रता दिवस समारोहों के लिए चार हजार से अधिक लोगों को आमंत्रित किया गया था जिनमें अधिकारी, राजनयिक और मीडियाकर्मी शामिल थे. इसके मद्देनजर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे.  1- पीएम मोदी ने कहा, कोरोना के इस असाधारण समय में, स...

सुन्दर काण्ड संबंधी ‘‘स्व परीक्षण’’ परीक्षा-1

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#Sunder Kand सुन्दर काण्ड संबंधी ‘‘स्व परीक्षण’’ परीक्षा -1 श्री रामचरितमानस के सुन्दर काण्ड से संबंधित यह हमारे ''स्व परीक्षण'' हेतु आयोजित विशेष परीक्षा है। इसमें सभी श्रेणी के अध्यापक/अध्यापिकायें तथा उनके परिवारीजन, मित्रगण एवं सभी सगे संबंधी साथ ही विभिन्न विद्यालयों के प्रबंधन से जुड़े व्यक्ति एवं उनके  परिवारीजनों को तो इसमें सम्मिलित होना ही चाहिए। अन्य सभी बंधु-बहिनें भी इसमें सम्मिलित हो सकते हैं। परीक्षा संबंधी आवश्यक बातें तथा नियम- उत्तर देने की समयावधि 31 प्रश्नों के लिए 31 मिनट ही रहेगी। इसका  अर्थ है कि आपको 01 मिनट में 01 प्रश्न का उत्तर देना है। इस नियम का आपको स्व अनुशासन से पालन करना है। ************************************************* यह है 31 मिनट में 31 प्रश्नों का Link, pls. Click & Solve- https://vishwendraview.blogspot.com/p/blog-page_23.html ************************************************ सभी प्रश्नों के उत्तर आपको अपने पास उपलब्ध साफ कागज पर लिखने हैं। उस कागज का फोटो खींच कर हमें इस  Email- anantvish7...

For Students, Teachers & Parents

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महाराणा प्रताप के सामने 36000 मुगल सैनिकों ने किया था आत्मसमर्पण

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क्या आपने कभी पढ़ा है कि हल्दीघाटी के बाद अगले १० साल में मेवाड़ में क्या हुआ... इतिहास से जो पन्ने हटा दिए गए हैं उन्हें वापस संकलित करना ही होगा क्यूँकि वही हिन्दू रेजिस्टेंस और शौर्य के प्रतीक हैं. इतिहास में तो ये भी नहीं पढ़ाया गया है कि हल्दीघाटी युद्ध में जब महाराणा प्रताप ने कुंवर मानसिंह के हाथी पर जब प्रहार किया तो शाही फ़ौज पाँच छह कोस दूर तक भाग गई थी और अकबर के आने की अफवाह से पुनः युद्ध में सम्मिलित हुई है. ये वाकया अबुल फज़ल की पुस्तक अकबरनामा में दर्ज है. क्या हल्दी घाटी अलग से एक युद्ध था..या एक बड़े युद्ध की छोटी सी घटनाओं में से बस एक शुरूआती घटना.. महाराणा प्रताप को इतिहासकारों ने हल्दीघाटी तक ही सीमित करके मेवाड़ के इतिहास के साथ बहुत बड़ा अन्याय किया है. वास्तविकता में हल्दीघाटी का युद्ध, महाराणा प्रताप और मुगलो के बीच हुए कई युद्धों की शुरुआत भर था. मुग़ल न तो प्रताप को पकड़ सके और न ही मेवाड़ पर आधिपत्य जमा सके. हल्दीघाटी के बाद क्या हुआ वो हम बताते हैं. हल्दीघाटी के युद्ध के बाद महाराणा के पास सिर्फ 7000 सैनिक ही बचे थे.. और कुछ ही समय में मुगलों का कुम्भ...

मकरसंक्रांति : अब अगले 100 वर्ष तक मनेगी 15 जनवरी को और जानिए उसका धार्मिक-वैज्ञानिक महत्व

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दान पुण्य और पतंगबाजी का पर्व मकर सक्रांति इस बार 14 जनवरी के साथ माघ कृष्ण पंचमी 15 जनवरी, बुधवार को मनाया जाएगा। ज्योतिषविदों के मुताबिक 14 जनवरी को मध्यरात्रि के बाद रात 2.08 बजे सक्रांति की शुरुआत होगी। संक्रांति 15 को क्यों ? ज्योतिषाचार्य पं. दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि संक्रांति में पुण्यकाल का भी विशेष महत्व है। शास्त्रानुसार यदि सूर्य का मकर राशि में प्रवेश शाम या रात्रि में हो तो पुण्यकाल अगले दिन के लिए स्थानांतरित हो जाता है। चूंकि इस बार सूर्य 14 जनवरी की रात को मकर राशि में प्रवेश करेगा, इसलिए संक्रांति का पुण्यकाल अगले दिन यानी 15 जनवरी को माना जाएगा। शास्त्रानुसार मकर सक्रांति का पुण्यकाल का समय सक्रांति लगने के समय से 6 घंटे 24 मिनट पहले और सक्रांति लगने के 16 घंटे बाद तक माना गया है। पुण्यकाल के समय दिन का समय होना जरूरी बताया है जो इस बार 15 जनवरी को रहेगा। अत: शास्त्रानुसार यह पर्व 15 जनवरी को मनाया जाना शास्त्रसम्मत है। इसलिए बदलती हैं संक्रांति की तारीखें 16वीं, 17 वीं शताब्दी में 9, 10 जनवरी को 17वीं, 18 वीं शताब्दी में 11, 12 जनवरी को, 19वीं, 20 ...

लोहड़ी : जानिए "दूल्हा भट्टी वाला" ने किससे बचाया था ब्राह्मण कन्या "सुंदरी" को, तब शुरू हुआ यह त्योहार

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 सुन्दरी मुंदरी होय  तेरा कौन विचारा होय  दूल्हा भट्टी वाला होय  दूल्हे ने धी ब्याई होय           सेर शक्कर आई होय  कुड़ी दे बोझे पाई होय                                                                                कुड़ी दा लाल पटाका होय                                          चाचे चूरी कुट्टी होय                                           जिमींदाराँ लुट्टी होय                                           जिमींदार सद...

प्रियंका वाड्रा गांधी ईसाई हैं ? कुछ प्रश्न, जिनके उत्तर उन्हें देने चाहिए ।

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर हमला करने के लिए उन्होंने भगवा को निशाना बनाया. असल में कांग्रेस की परंपरा है, कांग्रेस हिंदू संतों, प्रतीकों, आराध्यों से चिढ़ती है. भगवा धारण करने की मर्यादा एक योगी को सिखाने वाली प्रियंका गांधी बताएंगी कि उनकी नानी इंदिरा गांधी ने क्या इसी धर्म को धारण करके हजारों संन्यासियों पर गोली चलवाई थीं. प्रियंका शायद ये भी नहीं बता पाएंगी कि उनकी माता सोनिया गांधी के रिमोट वाली सरकार भगवान श्री राम को अदालत में काल्पनिक बता रही थी. प्रियंका वाड्रा गांधी को ये भी बताना चाहिए कि उनकी पार्टी के शासन वाले राज्यों में क्यों हिंदू शौर्य और धर्म प्रतीकों को पाठ्यक्रमों से हटाया जा रहा है. प्रियंका की धार्मिक आस्था ही संदिग्ध वरिष्ठ भाजपा नेता एवं राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी का कहना है कि प्रियंका वाड्रा गांधी ईसाई हैं. उनके घर में चैपल है. एक दक्षिण भारतीय पादरी उनके घर में प्रेयर कराने के लिए आता है. अगर यह सही नहीं है, तो आज तक प्रियंका वाड्रा, राबर्ट वाड्रा या कांग्रेस के किसी नेता ने सुब्रमण्यम स्वामी के दावे का खंडन नहीं किया है. जिन प...

देखें 14 शानदार फोटो- समुद्र की लहरों में योग-आसन क्रियाएं, जल योगी हरेश चतुर्वेदी द्वारा

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योग और आसन के अनेक प्रयोग हमने देखे हैं, लेकिन वे सभी प्रयोग अभी तक हमने धरती के ऊपर अर्थात जमीन पर होते हुए देखे हैं। संभवत: पहली बार हम देखेंगे जल योग गुरु हरेश चतुर्वेदी को समुंद्र के जल में योग आसन की क्रियाओं को प्रदर्शित करते हुए। उन्होंने हाल ही में यह प्रदर्शन केरल के कन्नूर में आयोजित तीन दिवसीय योग कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए किया। कन्नूर विश्वविद्यालय में आयोजित भारतीय इतिहास कान्फ्रेंस के दौरान वहां उपस्थित विद्वानों से जल योग पर चर्चा करते हुए उन्होंने उसके फायदे बताएं तथा वहां उपस्थित छात्रों और स्थानीय निवासियों को इसकी जानकारी दी। इससे पूर्व भी हरेश चतुर्वेदी प्रयाग में कुंभ के समय पर तथा अन्य अनेक स्थानों पर, अनेक विद्यालयों में जल योग का प्रदर्शन कर चुके हैं। हरेश चतुर्वेदी आगरा स्थित दीवानी न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता हैं। देखिए कन्नूर स्थित समुंद्र के जल में किए गए जल योग गुरु तथा वरिष्ठ अधिवक्ता हरेश चतुर्वेदी द्वारा योगासन के कुछ चित्र जो आप को आश्चर्यचकित कर देंगे -- (चेतावनी- आपसे प्रार्थना है कि ऐसे प्रयोग किसी नदी, तालाब, पॉन्ड, स्विमिंग पूल अथवा...

"हिन्दू" इस्लाम के बारे में कुछ नहीं जानते - सर वीएस नायपाल

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भारतीय हिन्दुओं पर सर वी. एस. नॉयपाल की टिप्पणी सटीक थी। लगभग तीन दशक पहले उन्होंने कहा था, 'भारत में यह सचमुच बड़ी समस्या है। हिन्दू लोग इस्लाम के बारे में कुछ नहीं जानते।' फिर नासमझी से लैस कुछ का कुछ बोलते, करते रहते हैं। ऐसी गतिविधियों को निष्फल रहना ही है। उदाहरणार्थ, क्या हिन्दुओं ने इस पर सोचा है कि भारत में मुस्लिम नेता सेक्युलरिज्म को नारा बनाते हैं, जबकि इंग्लैंड में सेक्युलरिज्म को ही चुनौती देते हैं! यह सामान्य तथ्य है कि मुस्लिम लोग सेक्युलरिज्म को इस्लाम-विरोधी मानते हैं। अत: वे सेक्युलर नहीं हैं, न होना चाहते हैं, परन्तु हिन्दू नेताओं की इसलिए निन्दा करते रहते हैं कि वे पर्याप्त सेक्युलर नहीं! प्रो. मुशीर-उल-हक ने अपनी पुस्तक 'पंथनिरपेक्ष भारत में इस्लाम' (इंडियन इन्स्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज, शिमला, 1977) में नोट किया था कि यहां सेक्युलरवादियों के पास मुसलमानों को सेक्युलर दिशा में प्रवृत्त करने के लिए कोई कार्यक्रम नहीं है। वह स्थिति आज भी नहीं बदली है। मुसलमानों, और विशेषकर इस्लाम के बारे में हिन्दू बुद्धिजीवियों, नेताओं में अज्ञान और अहं...