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Showing posts from March, 2016

छात्र बनाम राजनीति

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जेएनयू में हुए कन्हैया प्रकरण ने जहां देशद्रोह और देशभक्ति की बहस राजनीतिक क्षेत्र में छेड़ी है, वहीं एक और बहस जो इन दिनों शिक्षा परिसरों में चल रही है, वह है कि क्या छात्रों को महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में आकर अपनी पढ़ाई पर ही पूरी तरह ध्यान देना चाहिए या राजनीतिक क्रियाकलापों में भी सक्रीय होना चाहिए? क्या हमारे शिक्षण संस्थान विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित योग्य विद्वानों को सामने लाने के केंद्र होने चाहिए या राजनीतिक नेताओं को तैयार करने के? विभिन्न राजनीतिक दलों के छात्र संगठनों की शाखाओं की इन शिक्षा परिसरों में उपस्थिति और उपयोगिता पर भी प्रश्न खड़े किए जा रहे हैं। इन प्रश्नों के इतर यह बात दीगर है कि आज ऐसे ही छात्र संगठनों से अपना राजनीतिक जीवन प्रारंभ करके अनेक छात्र नेता विभिन्न राजनीतिक संगठनों के शीर्ष पदों पर ही नहीं पहुंचे बल्कि केंद्र और राज्यों की सरकारों में भी सक्रीय भूमिका निभा रहे हैं। इतना ही नहीं स्वतंत्रता से पूर्व भी देश को दिशा देने वाले अनेक प्रमुख नेताओं ने अपनी राजनीतिक यात्रा को अपने विद्यार्थी जीवन में ही प्रारंभ कर दिया था। अतः यह कहना कि विद्यार...

क्या अखिलेश को मिलेगा दूसरा मौका?

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पिछले दिनों सैंतीस अरब की बिजली परियोजनाओं को लोकार्पित करते हुए अपेक्षा की है कि जनता उन्हें 2017 में एक बार पुनः मौका देगी। इसमें कोई संदेह नहीं है कि समाजवादी पार्टी की पिछली सरकारों की अपेक्षा अखिलेश सरकार ने प्रदेश में विकास के नए आयाम स्थापित किए हैं। उनकी युवा सोच और विकासशील दृष्टिकोण ने प्रदेश में अनेक अच्छी योजनाएं दी हैं। उन्होंने यह संदेश देने का प्रयास किया है कि वे #UttarPradesh के विकास के लिए संकल्पित हैं। लेकिन जिस एक मुद्दे पर यह सरकार पिछड़ रही है और प्रदेश का आम जन मानस उसके साथ खड़े होने से हिचकिचा रहा है वह है कानून व्यवस्था। प्रश्न यह है कि प्रदेश का कौना-कौना जगमग रोशनी से रौशन होने और विकास की गंगा में नहाने के बावजूद यदि आम और खास लोगों का जीवन और उनकी सम्पत्ति ही सुरक्षित नहीं हो तो ऐसी रौशनी और विकास का लोग क्या करेंगे। इस सरकार के लिए कानून व्यवस्था बड़ा और महत्वपूर्ण मुद्दा है। इसे सरकार को समझना होगा। नए बनने वाले एक्सप्रेस वे #xpressway  जैसी सड़कें यदि अपराधियों को अपने काम को अंजाम देकर भागने में सुविधा देन...

स्कूलों और विश्वविद्यालयों में तिरंगा

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पिछले दिनों मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने देश के सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों को अपने परिसरों में प्रतिदिन 207 फीट ऊंचा तिरंगा झंडा फहराने का आदेश दिया है। इस आदेश के दो दिन बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने भी बेसिक स्कूलों में माह की प्रत्येक पंद्रह तारीख को तिरंगा फहराकर राष्ट्रप्रेम दिवस मनाने का आदेश पारित किया है, जिससे बचपन से ही राष्ट्रप्रेम की भावना विकसित हो सके। इन निर्णयों का निश्चित ही स्वागत किया जाना चाहिए। विश्वविद्यालय जैसे परिसरों में जहां विद्यार्थियों का नियमित आना-जाना रहता है वहां पर राष्ट्रभक्ति की भावना के प्रसार का यह अत्यंत श्रेष्ठ तरीका माना जा सकता है। आज जहां कुछ विश्वविधालयों के परिसरों से उठे देशविरोधी नारेबाजी और अराजक गतिविधियों से प्रेरित कर्कश स्वरों ने पूरे देश का वातावरण दूषित किया है वहां ऐसे प्रयोगों से निश्चित ही लाभ मिलेगा। हालांकि यह अपने आप में दुर्भाग्यपूर्ण ही है कि हमारी शिक्षा व्यवस्था, संस्कार, नैतिकता और महापुरुषों की जीवनियां हमारे विद्यार्थियों में राष्ट्रभक्ति की भावना को सुनिश्चित करने में कहीं न कहीं असफल ही रहे हैं। विभिन्न भाषाओं में ह...