बहादुर लैब्राडोर 'मानसी' ने लिया आतंकियों से लोहा, हुई शहीद

देश की सीमाओं की रक्षा के लिए लड़ते हुए सेना, अर्ध सेनिक बल और पुलिस के जवानों द्वारा देश के दुश्मनों के दांत खट्टे करते हुए दी जोने वही शहादत पर तो अक्सर देशवासियों को गर्व होता ही है। लेकिन पिछले दिनों नार्थ जम्मू-कश्मीर के तंगधर सैक्टर में लैब्राडोर नस्ल की एक देशभक्त श्वान मानसी ने आतंकी घुसपैठियों को उनके इरादों में कामयाब नहीं होने दिया। हुआ यूं कि सेना की खोजी श्वान दस्ते की प्रशिक्षित मानसी अपने हैंडलर बशीर अहमद वार के साथ थी। तभी कुपवाड़ा के घने जंगलों में उसे कुछ हलचल का एहसास हुआ। उसने तुरंत उस ओर भौंकना शुरू किया तो तत्काल दूसरी ओर से दुश्मन की गोली उसे आकर लगी। परिस्थितियों को भांप कर और अपनी प्रिय मासनी का बदला लेने के लिए बशीर ने इस ओर से गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। बहादुर मानसी और जांबाज बशीर का साथ दुश्मन की गोली भी नहीं तोड़ पाई और जब तक सेना ने पहुंचकर घुसपैठियों को मारा तब तक दोनों एक साथ इस लोक से विदा हो चुके थे। सेना ने पूरे सम्मान के साथ मानसी का अंतिम संस्कार किया। अपने जांबाज सैनिकों को तो हम अक्सर सैल्यूट करते ही रहे हैं, एक बार मानसी के लिए भी सैल्यूट होना चाहिए। सैल्यूट मानसी...।  

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