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Showing posts from August, 2015

बहादुर लैब्राडोर 'मानसी' ने लिया आतंकियों से लोहा, हुई शहीद

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देश की सीमाओं की रक्षा के लिए लड़ते हुए सेना, अर्ध सेनिक बल और पुलिस के जवानों द्वारा देश के दुश्मनों के दांत खट्टे करते हुए दी जोने वही शहादत पर तो अक्सर देशवासियों को गर्व होता ही है। लेकिन पिछले दिनों नार्थ जम्मू-कश्मीर के तंगधर सैक्टर में लैब्राडोर नस्ल की एक देशभक्त श्वान मानसी ने आतंकी घुसपैठियों को उनके इरादों में कामयाब नहीं होने दिया। हुआ यूं कि सेना की खोजी श्वान दस्ते की प्रशिक्षित मानसी अपने हैंडलर बशीर अहमद वार के साथ थी। तभी कुपवाड़ा के घने जंगलों में उसे कुछ हलचल का एहसास हुआ। उसने तुरंत उस ओर भौंकना शुरू किया तो तत्काल दूसरी ओर से दुश्मन की गोली उसे आकर लगी। परिस्थितियों को भांप कर और अपनी प्रिय मासनी का बदला लेने के लिए बशीर ने इस ओर से गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। बहादुर मानसी और जांबाज बशीर का साथ दुश्मन की गोली भी नहीं तोड़ पाई और जब तक सेना ने पहुंचकर घुसपैठियों को मारा तब तक दोनों एक साथ इस लोक से विदा हो चुके थे। सेना ने पूरे सम्मान के साथ मानसी का अंतिम संस्कार किया। अपने जांबाज सैनिकों को तो हम अक्सर सैल्यूट करते ही रहे हैं, एक बार मानसी के लिए भी सैल्यूट होना च...

क्या केंद्र सरकार वाकई एरोगेंट है?

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पिछले दिनों नगा विद्रोही नेताओं के साथ केंद्र सरकार के शांति समझौते पर आक्रामक रुख अपनाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार को एरोगेंट कहा। हिन्दी में एरोगेंट के अर्थ होते हैं- अक्खड, हठी, अभिमानी, हेकड़। जाहिर है लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था में ऐेसे शब्दों के लिए कोई जगह हो ही नहीं सकती। यदि ऐसा होने का आरोप किसी सरकार पर लगता है तो उस सरकार को अपने लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति समर्पण के स्तर पर विचार करना चाहिए। यह निश्चित ही गंभीर मामला है। यह बात तब और भी गंभीर हो जाती है जब हाल ही में लालकृष्ण आडवाणी जैसे नेता देश में आपातकाल की संभावनाओं पर टिप्पणी कर चुके हों। सोनिया गांधी की आपत्ति शांति समझौते को लेकर कदापि नहीं है बल्कि इस समझौते के बारे में असम, मणिपुर और अरुणांचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों को अंधेरे में रखने से है। समस्या से प्रभावित इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों को निश्चित ही विश्वास में लिया जाना चाहिए था। नरेंद्र मोदी सरकार कहती भी रही है कि वह लोकतंत्र के स्वस्थ मूल्यों को लेकर चलेगी और किसी राज्य में यदि दूसरे दल की भी सरकार है तो वहां के मुख्यमंत्रियों क...

कक्षा 3 की किताबों में आरोपी आसाराम बापू महान संत

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राजस्थान के जोधपुर जिले के कई विद्यालयों में पढ़ाई जा रही कक्षा 3 की पाठ्य पुस्तक नया उजाला में आसाराम बापू को विवेकानंद, रामकृष्ण परमहंस, गुरु नानक देव और मदर टेरेसा की श्रेणी का महान संत बताया गया है। उल्लेखनीय है कि आसाराम बापू अगस्त 2013 से बलात्कार के आरोप में जेल में बंद हैं। यह मामला सामने आने के बाद जब मीडिया ने इस पुस्तक के प्रकाशक से संपर्क किया, तो वहां से बताया गया कि पुस्तक में यह पाठ तब से शामिल है जब आसाराम बापू पर ऐसे आरोप नहीं लगे थे। यहां सवाल यह नहीं है कि आसाराम बापू वास्तव में दोषी हैं या नहीं। उनके दोषी होने या न होने का फैसला तो न्यायालय करेगा। सवाल यह है कि आसाराम बापू को जेल में बंद हुए लगभग दो वर्ष होने जा रहे हैं, उन पर बलात्कार जैसा अत्यधिक घिनौना और गंभीर आरोप लगा है। ऐसे में, क्या वे विद्यालय जिनमें यह किताब पढ़ाई जा रही है उनका प्रबंधतंत्र, वे अध्यापक जो बच्चों को यह किताब पढ़ा रहे हैं, वे अभिभावक जिनके बच्चे ये किताब पढ़ रहे हैं, इन सबके साथ ही जोघपुर के शिक्षा विभाग के अधिकारी और स्वयं इस पुस्तक के प्रकाशक, किसी के संज्ञान में ये बात क्यों नहीं आई? जबकि...

करनी का महत्व बता गए कलाम

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भारतीय दर्शन ने इस संसार को नश्वर मानने के बावजूद कर्म की प्रधानता को सर्वोच्च स्थान दिया है। अतः संसार में मनुष्य के कर्म और विचार कितना महत्व रखते हैं इसके लिए 30 जुलाई 2015 को सदैव याद रहेगी। इस तारीख को दो विपरीत स्वभाव के लोगों ने दूसरी दुनिया का सफर जिस अंदाज में शुरू किया वह सदियों तक एक मिसाल की तरह पेश किया जाएगा। एक देश के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम, जिन्होंने इस दुनिया से विदा ली तो पूरा देश रोया और दुनिया गमगीन हुई। सभी को लगा कि कोई अपना चला गया। कोई ऐसा जो उनका संरक्षक था। कोई ऐसा जो उन्हें सही और गलत का एहसास कराता था। कोई ऐसा जो भ्रम के बादलों को हटाकर सत्य और सफलता का मार्ग दिखाता था। उनके शब्द लोग रट रहे हैं, उनकी बातों को याद कर रहे हैं, उनके कहे का अनुसरण कर रहे है, उनके लिखे को पढ़ रहे हैं। जो उनसे प्रत्यक्ष मिले थे, वे अपने को सौभाग्यशाली बताते हुए आंसू बहा रहे हैं और जिन्होंने उन्हें केवल तस्वीरों और टीवी पर देखा था वे भी गमजदा हैं। उनकी सौम्यता, उनकी सज्जनता, उनका स्नेहपूर्ण व्यक्तित्व, मानवता के प्रति उनका वास्तविक प्रेम, संसार को सुंदर बनाने की उनकी ...