चीन पर निर्भरता से कैसे मुक्त हो भारत?

सीमा पर चीन के साथ गंभीर तना-तनी के माहौल में देश के आम नागरिक को यह पता होना चाहिए कि भारत किस प्रकार चीन पर निर्भर होता चला जा रहा है। एक ओर चीन से आयातित सस्ती और घटिया रोजमर्रा की चीजों से हमारे बाजार भरे पड़े हैं, तो दूसरी ओर भारतीय उद्योगों के कौशल और उसको दिए जाने वाले सरकारी और सामाजिक प्रोत्साहन पर प्रश्न चिन्ह लग रहे हैं। प्रश्न यह है कि भारत में भारतीयों द्वारा सस्ते माल का उत्पादन क्यों नहीं किया जा सकता? इसमें कहां परेशानी आती है? उन परेशानियों पर विभिन्न उद्योग संगठन सरकार से बात करके समाधान क्यों नहीं निकालते? आश्चर्यजनक रूप से आज हम बिजली के उपकरण, इलैक्ट्रानिक्स उपकरण, गाड़ियों के टायर, सरकारी परियोजनाओं के लिए उपयोगी वस्तुओं के साथ ही अधिकांश औधोगिक वस्तुओं, कम्प्यूटर हार्डवेयर, मोबाईल फोन सहित भारतीय त्योहारों पर उपयोग में आने वाले सामान, बच्चों के खेलने के खिलौनों सहित आम उपभोक्ता वस्तुओं तक के लिए चीन के आयात पर निर्भर हैं। हमारा कृषि क्षेत्र किस कदर चीन से आयातित उपकरणों पर निर्भर हो गया है इसकी तो हमें कल्पना भी नहीं है। एक आंकड़े के अनुसार 1996-97 के बाद गत...