परमवीर अब्दुल हमीद ने तोड़े थे 7 पाकिस्तानी टैंक


पाकिस्तान की ओर से आ रही परमाणु युद्ध की ताजा धमकियों के बीच 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के महानयक, परमवीर चक्र से सम्मानित हवलदार अब्दुल हमीद के असाधारण वीरतापूर्ण कारनामें को हमें याद करना चाहिए और पाकिस्तान को भी याद दिलाना चाहिए। अमेरिका से प्राप्त पैटन टैंक पर इतराते पाकिस्तान के हमले का मुंहतोड़ जवाब देते हुए हवलदार अब्दुल हमीद ने अपनी गन माउंटेड जीप से अकेले ही दुश्मन के सात टैंक तबाह कर दिए थे। उस समय दुनिया में अजेय कहलाने वाले पैटन टैंक के सामने गन माउंटेड साधारण सी जीप की हैसियत, एक खिलौने से अधिक नहीं थी। लेकन हवलदार हमीद ने अपने अद्भुत साहस और रणनीतिक सूजबूज के बल पर वह ऐतिहासिक कारनामा कर दिखाया जिसने उन्हें अमर कर दिया। इस घटना के बाद अमेरिका को भी अपने इन टैंकों के डिजाइन में बड़े परिवर्तन करने पडे़ क्योंकि हवलदार हमीद ने उन टैंकों के कमजोर स्थानों को निशाना बनाकर उन्हें तबाह कर दिया था। युद्ध में तकनीकि के महत्व से कभी इंकार नहीं किया जा सकता। लेकिन आमने सामने की लड़ाई में साहस और धैर्य सदैव ही महत्वपूर्ण होता है, जिसके अभाव में उन सात में से चार टैंकों को तो पाकिस्तानी फौजी अपनी जान बचाने के लिए छोड़कर ही भाग गए थे। बाद में जो टैंकों का हमला हुआ उसके बारे में माना जाता है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ा टैंक युद्ध था जिसमें पाकिस्तान को भारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी। जोड़-तोड़ करके परमाणु बम हांसिल कर लेना एक बात है लेकिन उसे युद्ध में सटीकता से प्रयोग करना बिल्कुल ही अलग बात। आने वाले समय में यदि कोई युद्ध हुआ भी तो कौन यह सुनिश्चित कर सकता है कि पाकिस्तान को अपने परमाणु हथियारों को प्रयोग करने का मौका मिलेगा भी या नहीं। आज अब्दुल हमीद जैसे हजारो देशभक्त मुस्लिम नौजवान भारतीय सैना के विश्वसनीय अंग हैं। अतः पाकिस्तान को अपने पुराने युद्धों के इतिहास से सबक लेना चाहिए इसमें ही सभी की भलाई और समझदारी है।

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