थाना पैरोकारों की मजबूती से समाज को मिलता है त्वरित न्याय : जिला जज आगरा


आगरा में चतुर्थ थाना पैरोकार सम्मान समारोह संपन्न

"सम्मान समारोह में 31 उत्कृष्ट कार्य करने वाले पैरोकारों को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार ने 1100 तथा वरिष्ठ समाजसेवी पूरन डाबर ने 1100 रूपये पुरस्कार देने की घोषणा की।"

जिन थानों के पैरोकार मजबूत होते हैं, उन थानों के अभियोजन पक्ष को काफी मजबूती मिलती है। जिससे त्वरित न्याय की कि संभावना हकीकत में बदलती है। इसका असर अभियुक्तों की सजा पर पड़ता है। जब अभियुक्तों को सजा अधिक होती है तो समाज में सुरक्षा की भावना स्थापित होती है। इस प्रकार समाज में सुरक्षा की भावना स्थापित करने के लिए थाने और न्यायालय की कड़ी के रूप में पैरोकार महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये विचार आज जनपद न्यायाधीश नलिन कुमार श्रीवास्तव ने दीवानी परिसर, आगरा में आयोजित चतुर्थ पैरोकार सम्मान समारोह में बोलते हुए व्यक्त किए।

कार्यक्रम में आगरा के सभी 45 थानों के कुल 88 पैरोकारों में से उत्कृष्ट कार्य करने वाले 31 पैरोकारों का सार्वजनिक सम्मान किया गया।


वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आगरा सुधीर जी ने कहा कि वर्तमान में पुलिस विभाग अच्छे पैरोकारों की कमी से जूझ रहा है यदि इस तरीके के सम्मान समारोह आयोजित होते हैं तो निश्चित ही पैरोकारों को अपनी गुणवत्ता सुधारने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने इस मौके पर सभी उत्कृष्ट कार्य करने वाले 31 पैरोकारों को 1100 रुपए देने की घोषणा की।

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एडीएम सिटी अंजनी कुमार ने पैरोकारों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि यदि नींव मजबूत होगी तो निश्चित ही पूरी व्यवस्था को समाज की सेवा करने में सुविधा होगी। थाने के पैरोकार इस व्यवस्था की नींव के रूप में अपनी सेवाएं देते है।


शहर के जाने-माने उद्योगपति और समाजसेवी पूरण डावर ने सभी 31 पैरोकारों को अपनी ओर से 1100 रुपये पुरस्कार स्वरूप देने की घोषणा करते हुए कहा कि पैरोकार समाज के लिए बहुत बड़ी जिम्मेदारी का कार्य करते हैं जिन्हें समाज के समक्ष लाने के लिए ऐसे कार्यक्रमों की बहुत आवश्यकता है। 

कार्यक्रम का संचालन करते हुए जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी बसंत गुप्ता ने कहा किस इस कार्यक्रम की शुरुआत 2018 में की गई थी। तब उम्मीद नहीं थी कि यह प्रोत्साहन पाकर पैरोकारों के कार्य की गुणवत्ता में ऐसा सुधार आएगा कि प्रदेश में अभियोजन की दृष्टि से आगरा नंबर वन हो जाएगा। पैरोकारों की जरूरत केवल अभियोजन को ही नहीं होती बल्कि बचाव पक्ष को भी समान रूप से अपनी सेवाएं प्रदान करते हैं। जब पैरोकार अपना काम ठीक रूप से करते हैं तभी समाज में न्याय की व्यवस्था स्थापित होती है।


कार्यक्रम में एडीजे लोकेश नागर, एडीजे रामनरेश मौर्य, एडीजे आरपी श्रीवास्तव, एडवोकेट प्रकाश स्वामी मेहरा, आगरा बार के सेक्रेटरी रामप्रकाश शर्मा, बार के पूर्व अध्यक्ष अशोक जैन, एडवोकेट दुर्ग विजय सिंह भैया, एडवोकेट अमीर अहमद ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

कार्यक्रम में एडीजीसी मंगल सिंह, राधाकिशन गुप्ता, आदर्श कुमार चौधरी, देवी सिंह सोलंकी, वीरेंद्र दिक्षित, राजीव कुमार ढाकरे, ऋषभ जैन, मधु शर्मा, बिमलेश आनंद, पूनम गुप्ता, मोहकम सिंह, नाहर सिंह, प्रदीप शर्मा, रुपेश गोस्वामी, राहुल सिसोदिया, हेमंत दीक्षित, संतोष भाटी, योगेश बघेल, सत्य प्रकाश धाकड़, नरेंद्र सिंह, शशि शर्मा, अजय गिर्ज, सुभाष गिरी, ताराचंद यादव, सिद्धांत शंकर कुलश्रेष्ठ, अशोक कुमार त्यागी, एपी सक्सेना, हरिबाबू बघेल, विवेक तिवारी, माधव शर्मा, विजय लवानिया, विनायक वशिष्ठ, अनंत चौहान की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।


उत्कृष्ट कार्य के लिए 31 थानों के पैरोकारों का सम्मान किया गया।

रामवीर सिंह खंदोली, सुरेशबाबू मालपुरा, संतोष कुमार हरी पर्वत, अजय कुमार ताजगंज, रमाकांत शाहगंज, धीरेंद्र सदर, गजेंद्र गौतम जगदीशपुरा, जुगल किशोर जगदीशपुरा, नेम सिंह लोहामंडी, पवन कुमार छत्ता, सुभाष कोतवाली, राजीव कुमार बासोनी, सुनील कुमार कागारोल, रमाकांत मंटोला, श्याम बाबू एत्माद्दौला, अश्विनी कुमार और बिट्टू सिकंदरा, राकेश एत्मादपुर, मयंक दुबे अछनेरा, प्रेमवीर खेरागढ़, भूप सिंह फतेहाबाद, श्रीमती रश्मि सदर, जयराम मिश्रा बरहन, जयदान सिंह ताजगंज, पवन मलपुरा, नवीन सिंह और आलोक कुमार फतेहपुर सिकरी, प्रवीन सैया, हरिदत्त शर्मा डौकी, सुमित कुमार कमला नगर, शुभम साइबरक्राइम।



 

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